उसे पूर्णतः अंत तक निभाए वही प्रेम का "सुपात्र " होता है। जो बीच राह में छोड़ दे उसका जीवन से चले जाना ही बेहतर जिससे कि "सुपात्र " के लिए स्थान रिक्त हो सके। मोल का खाने प्रेम समर्पण प्रसन्नता फिक्र किशोरावस्था का प्रेम और आकर्षण देवनागरी और उर्दू उर्दू भाषा और हिंदी लिपि भाव कविता

Hindi जो प्रेम और सच्चे समर्पण का मोल समझे Stories